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युवा क्रांति दल आनान्दधाम आक्ष्रम
नाग्लोई नजफगढ़ रोड, बक्करवाला मार्ग, नई दिल्ली
धर्मदूत जून २००७
Param Pujya Sudhanshuji Maharaj established Vishw Jagriti Mission. Its Youth Wing is named as Yuva Kranti Dal. The "Yuva Manch" mission to control and stop ragging gets very good responce from students, collage management and law makers of India (Bharat).
आज दुनिया में जितने भी सुजनात्मक कार्य हुए है या जीतनी भी नवीनतम योजनाओं को मूर्त रूप दिया गया है। सभी हितकर, क्रांतियों का मूल स्त्रोत युवा शक्ति ही रही है। चुंकि युवा अवस्था ही मानव जीवन का महत्त्वपूर्ण कल है। इसी अवस्था में मानव कि अनेक शक्तियाँ अपने चरम परे होती है अतः हम युवा ही देश को धर्म को एवं समाज को नई मंजिल दे सकते है। अब हम युवाओं को ही आगे आकर संपूर्ण व्यवस्था को नई दिशा देनी होगी।
इसके लिए हमें एक निष्पक्ष, परिपक्व एवं समर्थ अन्तर्राष्टीय़ स्तर के मंच कि आवश्यकता होगी। जो मंच हमे केवल सदगुरु श्री सुधान्शुजी महाराज ही दे सकते है। पुज्यश्री कहते है कि किसी राष्ट्र का भविष्य तरुणों की फौलादी मांसपेशियों एवं उनकी दृढ इच्छाशक्ति में निहित होता है और ऐसे ताजे फूल ही परमात्मा के चरणों में भी स्विकार्य होते है। युवाओं कि नई सोच एवं ऊर्जा को पंख देने हेतु पुज्यश्री ने युवा क्रान्ति दल की स्थापना की है। पुज्यश्री का कहना है की ' युवा क्रान्ति दल' के युवा ऐसे हो जिसकी एक आंख में विज्ञान हो व दुसरी आंख में धर्म। जो धर्म को वैज्ञानिक रूप दे व समाज कि सडी-गली रुढियों को तोड़कर उसे अपने बल पर नई दिशा दे। वर्ण भेद, जति भेद से ऊपर उठें। जिन्हें केवल मानवता ही प्रिय हो। जो सज्जन कि रक्षा कर, दुष्टता के दलन करे। जो भ्रष्टाचार जैसी देश को निगलने वाली कुरीतियों को जड़ से उखड फेंकने कि चेतना शक्ति रखे।
विश्व जगिती मिशन के महान उद्देश्यों का ध्वजवाहक यह युवा क्रान्ति दल शारीरिक, सामाजिक व आत्मिक उन्नति के लिए समाज मे अग्रणी भूमिका निभाएगा। युवा वर्ग नीतिक शिक्षा के विकास के लिए कार्य करेगा। हमारा प्रयत्न शारीरिक स्वास्थ, अनुशासन, आत्मरक्षा, योग, धर्मरक्षा, मानवीय हितों की सुरक्षा के लिए सदैव रहेग। हमारा उदघोष है संसार के श्रेष्टजन संगठित हों, विश्व का कल्याण हो, धर्म की रक्षा हो, अधर्म का नाश हो और सबमे सदभावना हो। ग्राम-ग्राम नगर-नगर मे शखाए चलें, योग प्रशिक्षण शिविर, बौद्धिक प्रशिक्षण शिविर जोर-शोर से अपना कार्य करे।
विश्व जाग्रति मिशन ऐसे सभी युवा भाई-बहनों को आहवान करता है, जो युवा क्रान्ति दल का सदस्य बन सेवा द्वारा देश को धर्म को एवं समाज को नए आयाम देना चाह्ते हैं उनका स्वागत है.
निवेदक
आंखों में भविष्य की कल्पनाए बाजुओं में नविन रुधिर से भरी उर्जा, मुत्ठ्यों में काल के प्रवाह को रोक देने की क्षमता, तनी भृकुटी पर आक्रोश की खिंची रेखाए, ओठों पर खेलती मोहक मुक्सान, तन में आकाश छूने वाली तरंगे, अनुभव विहीन मस्तिक्ष में विश्वास पूरित ऊहा, कुछ गुन-गुनाहट, कुछ खिल-खिलाहट, कुछ तरंग, कुछ उमंग, कुछ मोहक सपने, कुछ विद्वेष भरी खीझ, इंन्द्र धनुषी रंगो मे खोयी - डूबी कुछ कल्पनाए, कुछ दीवानगी भरे कदम, इस सबकुछ को मिलकर एक शब्द में कहा जाए तो वह है - युवा अवस्था।
मादकता सं पूरित अलमस्त जवानी। ये जीवन का सबसे मूल्यवान क्षण है। शबनम की तरह खुबसुरत परंतु तुषार बिन्दु - सा ही क्षणिक, युवा शरीर में नवीन ऊर्जा शक्ति का स्त्रोत इठलाता रहता है। युवाओं की फड्कती शक्ति को सही मार्ग पर लाकर ही देश के भवन की भित्ति को सुदृढ़ किया जा सकता है। युवा स्वर जहाँ मादक और मोहक होता है, वहीँ वह विध्वंसक और विनाशक भी होता है। युवा जहाँ अनुसरण करने वाला दीवाना होता है, वहीँ वह परम्पराओं और मर्यादाओं को तोड़ने वाला विद्रोही भी।
आज का युवक पथभ्रान्त आत्मग्लानि से खिझता, तोड़-फोड़ और विध्वंस से दहकता, नशे और लातों में डूबता, जीवन की समस्याओं से भागता, ज़माने भर से शिक़ायत करता, कुंठाओं से भरा, अनुशासन और शिलवृत्त भंग करत नजर आ रह है।
आज वह एक ऐसे दोराहे पर खड़ा है, जहाँ उसे रह नजर नहीं आ रही है। अश्लीलता की आग में उनका मन और मस्तिष्क झुलस रह है। तरह-तरह के दुर्व्यसनों से उसका नैतिक पतन हुआ जा रहा है।
"वयं तुभ्यं बलिह्र्तः स्याम"
विश्व मंगल दिवस २ मई २००२ के युवा कर्णधार - परम पूज्य श्रीसुधान्शुजी महाराज